Saturday, March 26, 2011
Friday, March 4, 2011
US TALKH LAHAZE ME
* * * * * * * * *
उस तल्ख़ लहज़े मे जो एक नरमी है उस नरमी की बात ही क्या,* * * * * * * * *
उस तपती दुपहरी मे जो एक पेड़ की छाव है उस छाव की बात ही क्या,* * * * * * * * *
तेरी एक हंसी से दिल को जो शुकून मिलता है उस शुकून की बात ही
क्या,* * * * * * * * *
तेरे चेहऱे को देख-कर दिल जो बेचैनी होती उस बेचैनी की बात ही क्या,
* * * * * * * * *
अब आगे हम क्या कहे कहने को कुछ बाकी ना रहा,
* * * * * * * * *
जो भी कहना था चंद लफ़्ज़ों मे कह दिया,
* * * * * * * * *
अब हाल-ए-दिल का बयां तेरे पयाम मे पेश करते है,
* * * * * * * * *
तू ही फ़ैसला कर हम तुझे कितना प्यार करते है.* * * * * * * * *
उस तल्ख़ लहज़े मे जो एक नरमी है उस नरमी की बात ही क्या,
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उस तपती दुपहरी मे जो एक पेड़ की छाव है उस छाव की बात ही क्या,
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तेरी एक हंसी से दिल को जो शुकून मिलता है उस शुकून की बात ही
क्या,
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तेरे चेहऱे को देख-कर दिल जो बेचैनी होती उस बेचैनी की बात ही क्या,
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अब आगे हम क्या कहे कहने को कुछ बाकी ना रहा,
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जो भी कहना था चंद लफ़्ज़ों मे कह दिया,
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अब हाल-ए-दिल का बयां तेरे पयाम मे पेश करते है,
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तू ही फ़ैसला कर हम तुझे कितना प्यार करते है.
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